मध्यप्रदेश की राजनीति में हाल ही में फिर से भूचाल महसूस किया जा रहा है। करिब् 6 दशकों से कांग्रेस से जुडे कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने कि अटकले लगायी जा रही है।
यदि ऐसा होता है तो कांग्रेस को इस से बहुत भरी नुकसान हो सकता है, क्युकी कमलनाथ के साथ कई बड़े MLA भी बीजेपी मैं शामिल हो सकते है।
शनिवार को अचानक दिल्ली जाने के फैसले से पूरे देश की नजरें इस घटनाक्रम पर टिक गई हैं। चर्चा तब और तेज हो गई जब नकुलनाथ और उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के बायो से कांग्रेस को हटा दिया। कमलनाथ भाजपा में शामिल होंगे या नहीं, यह तो समय के साथ पता चलेगा, पर उनके भाजपा में शामिल होने से प्रदेश की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा, उस पर हम विचार करते हैं।
भाजपा में शामिल होने के पीछे क्या कारण हैं? सभी इस बात को जानने के लिए उत्सुक हैं कि कमलनाथ को भाजपा में क्यों शामिल होना चाहिए। इसमें कई कारण हो सकते हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था। प्रदेश की 230 सीटों में से भाजपा को 163, कांग्रेस को 66 और भारतीय आदिवासी पार्टी को एक सीट मिली थी। कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में हार का ठीकरा कमलनाथ पर फोड़ दिया था। उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। अन्य नेताओं ने भी उन्हें अलग-अलग दिशा में ले जाया।